Devaki nandan khatri biography of abraham
Devaki nandan khatri biography of abraham
Biography of abraham bible...
देवकीनन्दन खत्री
बाबू देवकीनन्दन खत्री (18 जून 1861 - 1 अगस्त 1913) हिंदी के प्रथम तिलिस्मी लेखक थे। उन्होने चंद्रकांता, चंद्रकांता संतति, काजर की कोठरी, नरेंद्र-मोहिनी, कुसुम कुमारी, वीरेंद्र वीर, गुप्त गोदना, कटोरा भर, भूतनाथ जैसी रचनाएं की। 'भूतनाथ' को उनके पुत्र दुर्गा प्रसाद खत्री ने पूरा किया। हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में उनके उपन्यासचंद्रकांता का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इस उपन्यास ने सबका मन मोह लिया। इस किताब का रसास्वादन के लिए कई गैर-हिंदीभाषियों ने हिंदी सीखी। बाबू देवकीनंदन खत्री ने 'तिलिस्म', 'ऐय्यार' और 'ऐय्यारी' जैसे शब्दों को हिंदीभाषियों के बीच लोकप्रिय बनाया। जितने हिन्दी पाठक उन्होंने (बाबू देवकीनन्दन खत्री ने) उत्पन्न किये उतने किसी और ग्रंथकार ने नहीं।[1]
जीवनी
[संपादित करें]देवकीनन्दन खत्री जी का जन्म 18 जून 1861 (आषाढ़ कृष्णपक्ष सप्तमी संवत् 1918) शनिवार को बिहार के समस्तीपुर जिले के मालीनगर में हुआ था।[2] उनके पिता का नाम लाला ईश्वरदास था। उनके पूर्वज पंजाब के निवासी थे तथा मुगलों के राज्यकाल में ऊँचे पदों पर कार्य करते थे